- शासनादेश जारी, हर ब्लाक में पचास हैंडपम्प रिबोर भी हो सकेंगे
जाब्यू, लखनऊ : भीषण गर्मी के इस मौसम यह खबर सुकून देने वाली है। पेयजल संकट से निपटने को प्रत्येक विधायक को सौ हैंडपम्प लगवाने का शासनादेश जारी करते हुए हर ब्लाक में 50 खराब हैंडपम्पों रिबोर करने की इजाजत भी दे दी गई है।
ग्राम्य विकास राज्य मंत्री (स्वतंत्र प्रभार) अरविंद सिंह गोप ने बताया कि विगत बजट सत्र में मुख्यमंत्री अखिलेश यादव द्वारा की गई प्रत्येक विधायक को सौ इंडिया मार्का हैंडपम्प लगवाने की घोषणा पर अमल शुरू हो गया है। विभागीय शासनादेश में कहा गया है कि निर्धारित मानकों के तहत विधायक अपने विधानसभा क्षेत्र में सौ स्थानों को चिन्हित कर हैंडपम्प लगवा सकते हैं। विधायकों से सूची प्राप्त कर जल्द से जल्द हैंडपम्प लगाने का काम आरम्भ हो जाएगा। हर ब्लाक में 50 हैंडपम्प रिबोर करने का कोटा भी निर्धारित किया गया है ताकि भीषण गर्मी में जनता को शुद्ध पेयजल उपलब्ध हो सके।
उल्लेखनीय है पूर्ववर्ती बसपा सरकार ने विधायक कोटे से हैंडपम्प लगने की व्यवस्था को बंद करा दिया था। केवल सत्ताधारी विधायकों के क्षेत्रों में हैंडपंप लगते थे लेकिन विपक्षी विधायकों द्वारा लगातार विरोध जताने के बाद भी कोई सुनवाई नहीं हो सकी थी।
ग्राम्य विकास मंत्री गोप ने कहा कि सपा शासन में विकास को लेकर और जनहित कार्य में कोई भी भेदभाव नहीं होगा। मुख्यमंत्री अखिलेश यादव की मंशा दलगत राजनीति से उठकर प्रदेश का सर्वागीण विकास करने की है।
लोहिया ग्रामों में कार्यक्रम क्रियान्वयन नए मानक : प्रदेश सरकार ने राममनोहर लोहिया समग्र ग्राम विकास योजना के अंतर्गत चयनित गांवों में कार्यक्रम क्रियान्वयन को नए मानक निर्धारित किए है। प्रमुख सचिव राजीव कुमार ने मंडलायुक्तों व जिलाधिकारियों को पत्र लिखकर नए मानकों की जानकारी दी। नए सहायता समूहों व प्रथम ग्रेडिंग के सहायता समूहों को रिवाल्विंग फंड से धन अवमुक्त कराया जाएगा। द्वितीय ग्रेडिंग वाले स्वयं सहायता समूहों को ग्रामीण आजीविका मिशन से ही धन मिलेगा।
उधर ग्रामीण पेयजल आपूर्ति के लिए सौ की आबादी और दो हैंडपम्पों के बीच 75 मीटर की दूरी का मानक तय किया है। इससे पहले डेढ़ सौ आबादी होना अनिवार्य था। ग्राम में पेयजल गुणवत्ता समस्या हो तो उसे पाइप पेयजल योजना से संतृप्त किया जाएगा। तालाबों के जीर्णोद्धार के लिए स्वीकृत इस्टीमेंट के कार्य हो चुका है तो उसे संतृप्त माना जाए। मनरेगा जाब कार्ड मांगने वाले परिवारों को तत्काल कार्ड उपलब्ध कराए जाए तथा लोहिया ग्रामीण आवास योजना में वर्ष 2002 की बीपीएल सूची में छूटे गरीब परिवार शामिल हो। क्रियान्वयन के लिए जिला व विकास खंड अधिकारी प्रत्येक स्तर पर उत्तरदायी होंगे।
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