पानीपत टेक्सटाइल नगरी के रूप में जाना जाता है। कृषि के बाद देश में सबसे अधिक रोजगार उपलब्ध कराने वाला टेक्सटाइल उद्योग यहां है। यहां का उद्योग देश को चार हजार करोड़ रुपये की सालाना विदेशी मुद्रा उपलब्ध कराता है। उद्यमियों को कहना है कि यदि बजट में उनकी मांगों को पूरा किया जाता है तो दोगुना विदेशी मुद्रा सरकार को मिलना तय है। वहीं, लाखों बेरोजगारों को इस औद्योगिक शहर से रोजगार मिल सकता है।
विकसित किया जाए हैंडलूम सेक्टर : रमेश वर्मा
(फोटो संख्या 53)
हैंडलूम निर्यातक मैन्यूफैक्चर्स एसोसिएशन के प्रधान रमेश वर्मा का कहना है कि पानीपत में हथकरघा टेक्सटाइल उद्योगों को बचाने के लिए अलग से औद्योगिक सेक्टर विकसित किया जाए। पिछले अप्रैल माह से हैंडलूम निर्यात पर बंद की गई तीन प्रतिशत ब्याज में छूट दोबारा मिलनी चाहिए। विदेशों में हथकरघा उद्यमियों की ओर से फेयर के दौरान लगाए जाने वाले स्टॉल के लिए उद्यमियों को सरकार 50 फीसद सबसिडी उपलब्ध करवाए। वैट रिफंड प्रणाली को बंद किया जाए। वैट रिफंड में निर्यातकों को रिफंड का आठ प्रतिशत बिक्री कर अधिकारियों को देना होता। इसे बंद किया जाए। रिफंड ऑन लाइन दिलाया जाए। पानीपत में एक्सीबिशन सेंटर खोला जाए।
गोशाला के लिए अलग से हो प्रावधान : रमेश शुक्ला
समाज सेवी रमेश शुक्ला का कहना है कि मोदी सरकार के पहले बजट में गोधन के विकास के लिए बजट का प्रावधान किया जाए। गोशालाओं के आर्थिक सहायता दिलाई जाए।
आयकर की छुट सीमा में वृद्धि हो : संदीप मिढ्डा
संदीप मिढ्डा का कहना है कि बजट में आयकर छूट की सीमा चार लाख से अधिक की जाए। महंगाई को देखते आयकर छूट सीमा में वृद्धि जरूरी है। देश में सड़क दुर्घटनाओं में कमी लाने के लिए रोड सेफ्टी के लिए अलग से बजट का प्रावधान किया जाए। मेडिकल इंश्योरेंस की सुविधा अन्य देशों की तर्ज में नागरिकों मुफ्त में मिलनी चाहिए।
आयकर की छूट में वृद्धि हो : अरुण गर्ग
समाज सेवी अरुण गर्ग का कहना है कि बजट में आयकर की छूट सीमा में वृद्धि होनी चाहिए। रोजगार वृद्धि के लिए बजट में प्रावधान किए जाएं।
टेक्सटाइल उद्योग को ग्रोथ मिलेगी : प्रीतम सिंह
हरियाणा चैंबर ऑफ कामर्स के अध्यक्ष सरदार प्रीतम सिंह का कहना है कि बजट में सरकार हैंडलूम उद्योगों के विकास के लिए अलग से प्रावधान करे। आयकर की छूट सीमा बढ़ाई जाए। पोलिस्टर फिलामेंट यार्न (कच्चे मॉल) पर लगी एंटी डंपिग हटाकर कंबल पर लगाई जाए। इससे पानीपत के कंबल उद्योगों का विकास हो सकेगा। फिलहाल कच्चे माल पर तो डंपिंग ड्यूटी लगी हुई है। जिस कारण यहां के उद्योगों को कच्चा माल महंगा मिल रहा है। जबकि कंबल पर डंपिंग ड्यूटी नहीं होने के कारण विदेशों से कंबल आयात हो रहा है। उन्होंने बजट में इंफ्रास्ट्रक्चर के लिए अलग से प्रावधान होने की उम्मीद जताई।
टेक्सटाइल उद्योगों को आधुनिक बनाने के लिए मशीनरी विदेशों से मंगवाने के लिए ब्याज में जो पिछले साल तक टफ योजना के तहत ब्याज में छूट दी जा रही थी उसे दोबारा लागू किया जाना चाहिए।
बजट से काफी उम्मीदें : अनिल मित्तल
कारपेट मैन्यूफैक्चर्स एसोसिएशन के सचिव अनिल मित्तल का कहना है कि बजट से काफी उम्मीदें। बजट में पानीपत में कारपेट पार्क बनाने की घोषणा होनी चाहिए। कारपेट निर्यात को प्रोत्साहित करने के लिए पानीपत को कारपेट जोन घोषित किया जाए। हैंडीक्राफ्टस की ग्रोथ के लिए अलग से नीति बनाई जाए। उद्योगों को तकनीकी से जोड़ा जाए। प्रशिक्षित कारीगर उपलब्ध करवाने के लिए बजट में प्रशिक्षण केंद्र खोलने का प्रावधान किया जाए।
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