News Updatet:

पहली बार निर्यात आंकड़ा पंहुचा 10000 हजार करोड़ के पार –पढ़े कारपेट कोम्पक्ट का नया अंक ;

प्‍लास्टिक की बोतलों से हो रहा दरी का निर्माण || कालीन नगरी भदोही में बुनकरों के बच्चे में कुपोषण की बढ़ती समस्या || नकली सोना गिरवी रखकर स्टेट बैंक से असली कर्ज, 27 पर मुकदमा|| टेक्सटाइल इंडस्ट्री का हब पानीपत || कुटीर उद्योगों के लिए 800 क्लस्टर होंगे स्थापित|| अपनी अनूठी कारीगरी के लिए भदोही का कालीन उद्योग देश विदेश में पहचाना जाता है || रखी गयी कालीन उद्योग के उम्मीद की पहली ईंट||New Centre-state council to give boost to exports ||चीन और ऑस्‍ट्रेलि‍या की ओर चले भारत के कारपेट निर्माता, नए बाजार की तलाश में इंडस्‍ट्रीपहली बार निर्यात आंकड़ा पंहुचा 8000 हजार करोड़ के पार || कब होगा इंटरेस्ट में कमी कि घोषणा ||कौन करेगा मार्ट का संचालन ||उत्तर प्रदेश कारपेट कौंसिल कब होगा गठन ||विवादों में एसाइड योजना || कश्मीर से तालुक रखने वाले परिषद के चेयरमैन कैसे है भदोही से नाता || वाराणसी एक्सपो को लेकर क्या चल रही है तैयारी ||उत्तर प्रदेश सरकार ने घोषित कि नयी एक्सपोर्ट पोलिसी EXPORT POLICY (Draft) GOVERNMENT OF UTTAR PRADESH 2015-20 ||योग दिवस पर मैट को लेकर क्यों उठे सवाल

05 June 2013

आधार के लिए नाम दर्ज कराने के वास्ते कोई पोशाक निर्धारित नहीं


मीडिया में इस तरह की खबर आई है कि आधार के लिए नाम दर्ज कराते समय लोगों से निर्धारित पोशाक पहनने के लिए कहा जा रहा है। भारतीय विशिष्ट पहचान प्राधिकरण- यूआईडीएआई यह स्पष्ट करता है कि आधार संख्या के लिए नाम दर्ज कराने के इच्छुक निवासियों के लिए कोई पोशाक निर्धारित नहीं की गई है। इसके लिए एकमात्र कसौटी यह है कि निवासी का चेहरा फोटो खिंचवाते समय स्पष्ट रूप से नजर आना चाहिए।

निवासी आधार के लिए नामांकन कराते समय कोई भी पोशाक पहनने के लिए स्वतंत्र हैं जो अरामदायक हो। शर्त यह है कि पोशाक से उसके चेहरे का कोई हिस्सा (माथे से लेकर ठुड्डी तक) छुपता न हो। दरअसल जो निवासी पगड़ी, बुरका या सर ढकने के लिए कोई अन्य धार्मिक/ पारंपरिक वस्त्र पहनते हैं उन्हें आधार के लिए नाम दर्ज कराने के लिए फोटो खिंचवाते समय उन्हें उतारने की जरूरत नहीं है।

आधार के लिए नामांकन की मानक प्रक्रिया में कोई अंतर जैसे पोशाक निर्धारित करना नाम दर्ज कराने वाली एजेंसियों से यह काम कराने की शर्तों का उल्लंघन है। भारतीय विशिष्ट पहचान प्राधिकरण नाम दर्ज करने वाली एजेंसियों के कामकाज की निरंतर समीक्षा करता है तथा किसी शर्त का उल्लंघन करते पाए जाने पर सख्त जुर्माना लगाता है। ऐसी घटनाओं की रिपोर्ट हमेशा संबंधित रजिस्ट्रार या भारतीय विशिष्ट पहचान प्राधिकरण के क्षेत्रीय कार्यालयों में की जा सकती है। 
Share it Please

social vision

@post a comment*.

0 टिप्पणियाँ:

Copyright @ 2013 social vision - सोशल विज़न. Designed by carpetcompact | Love for Carpet compact