News Updatet:

पहली बार निर्यात आंकड़ा पंहुचा 10000 हजार करोड़ के पार –पढ़े कारपेट कोम्पक्ट का नया अंक ;

प्‍लास्टिक की बोतलों से हो रहा दरी का निर्माण || कालीन नगरी भदोही में बुनकरों के बच्चे में कुपोषण की बढ़ती समस्या || नकली सोना गिरवी रखकर स्टेट बैंक से असली कर्ज, 27 पर मुकदमा|| टेक्सटाइल इंडस्ट्री का हब पानीपत || कुटीर उद्योगों के लिए 800 क्लस्टर होंगे स्थापित|| अपनी अनूठी कारीगरी के लिए भदोही का कालीन उद्योग देश विदेश में पहचाना जाता है || रखी गयी कालीन उद्योग के उम्मीद की पहली ईंट||New Centre-state council to give boost to exports ||चीन और ऑस्‍ट्रेलि‍या की ओर चले भारत के कारपेट निर्माता, नए बाजार की तलाश में इंडस्‍ट्रीपहली बार निर्यात आंकड़ा पंहुचा 8000 हजार करोड़ के पार || कब होगा इंटरेस्ट में कमी कि घोषणा ||कौन करेगा मार्ट का संचालन ||उत्तर प्रदेश कारपेट कौंसिल कब होगा गठन ||विवादों में एसाइड योजना || कश्मीर से तालुक रखने वाले परिषद के चेयरमैन कैसे है भदोही से नाता || वाराणसी एक्सपो को लेकर क्या चल रही है तैयारी ||उत्तर प्रदेश सरकार ने घोषित कि नयी एक्सपोर्ट पोलिसी EXPORT POLICY (Draft) GOVERNMENT OF UTTAR PRADESH 2015-20 ||योग दिवस पर मैट को लेकर क्यों उठे सवाल

08 July 2013

तालाब की भूमि पर बनी सड़क तोड़ने का आदेश

 लखनऊ : उच्च न्यायालय की लखनऊ पीठ ने मेसर्स विराज कांस्ट्रक्शन द्वारा बीबीडी ग्रीन सिटी टाउनशिप के निर्माण के दौरान तालाब की भूमि पर बनाई गई सड़क को हटाए जाने का आदेश राज्य सरकार व जिलाधिकारी लखनऊ को दिया है। अदालत ने इस मामले में की गई कार्रवाई से 15 जुलाई को पीठ को अवगत कराए जाने के आदेश भी दिए हैं। पीठ ने कहा कि तालाब की सुरक्षित भूमि पर बनाई गई सड़क तत्काल तोड़कर हटाई जाए।
न्यायमूर्ति उमानाथ सिंह व न्यायमूर्ति देवी प्रसाद सिंह की खंडपीठ ने यह आदेश प्रेम शंकर व अन्य की ओर से अधिवक्ता प्रिंस लेनिन द्वारा दायर याचिका पर दिए हैं। याचिका में आरोप लगाया गया कि विराज कांस्ट्रक्शन ने तालाब के रूप में दर्ज गाटा संख्या 215 व 216 की भूमि पर अवैध निर्माण कर सड़क बना ली है। इस मामले में पीठ ने 31 मई को जिलाधिकारी लखनऊ से कहा था कि वह जांचकर रिपोर्ट प्रस्तुत करें। सुनवाई के समय जिलाधिकारी लखनऊ ने जांच रिपोर्ट प्रस्तुत की। जांच रिपोर्ट से स्पष्ट हुआ कि गाटा संख्या 215 व 216 पर तालाब दर्ज है। याची का तर्क था कि तालाब की भूमि पर कोई निर्माण नहीं हो सकता। गैर कानूनी व विधि विरुद्ध तरीके से सड़क का निर्माण किया गया है। विपक्षी पक्षकार विराज कांस्ट्रक्शन की ओर से कहा गया कि याचिका में जिन गाटा संख्या 215 व 216 की बात कही गई है उससे विराज का कोई मतलब नहीं है। विपक्षी विराज कांस्ट्रक्शन की ओर से पीठ को यह भी बताया गया कि याचिका पोषणीय नहीं है इसे निरस्त किया जाए।
राज्य सरकार की ओर से कहा गया कि राजस्व अभिलेखों और जांच के बाद स्पष्ट है कि गाटा संख्या 215 व 216 पर तालाब दर्ज है तथा यह सुरक्षित भूमि है इस पर कोई निर्माण करना गैर कानूनी है।
Share it Please

social vision

@post a comment*.

0 टिप्पणियाँ:

Copyright @ 2013 social vision - सोशल विज़न. Designed by carpetcompact | Love for Carpet compact