ज्ञानपुर। जिले के कुछ ग्रामप्रधानों के खिलाफ साधारण प्रार्थना पत्र पर की गई शिकायत के आधार पर हो रही जांच को जिलाधिकारी ने गंभीरता से लिया है। उन्होंने सख्त निर्देश दिया है कि शपथ पत्र पर दिए गए शिकायत की ही जांच होगी। जांच के लिए सक्षम अधिकारी का आदेश भी आवश्यक है।
जिलाधिकारी चंद्रकांत पांडेय ने कहा कि संज्ञान में आया है कि ग्राम प्रधानों के खिलाफ साधारण प्रार्थना पत्र पर प्रस्तुत शिकायतों के आधार पर ही अधिकारियों के द्वारा जांच आरंभ कर दी जा रही है। इसके चलते ग्राम पंचायतों में हो रहे विकास कार्य प्रभावित हो रहे हैं। पंचायती राज अधिनियम में यह स्पष्ट प्रावधान है कि ग्राम प्रधानों के विरुद्ध शपथ पत्र से संदर्भित शिकायतों को ही संज्ञान में लिया जाए। भविष्य में संबंधित ग्राम पंचायत के कम से कम पांच व्यक्तियों द्वारा शपथ पत्र के माध्यम से समर्थित शिकायती प्रार्थना पत्र (जिस पर कम से कम गांव के 10 व्यक्तियों के हस्ताक्षर हों) को ही संज्ञान में लिया जाएगा। ऐसे शिकायती प्रार्थना पत्र पर पत्रावली तैयार करते हुए जिला पंचायत राज अधिकारी के माध्यम से डीएम कार्यालय में प्रस्तुत किया जाएगा। इसके बाद गांव के प्रधान की जांच के लिए जांच अधिकारी नामित होने के बाद नामित अधिकारी द्वारा ही जांच की कार्यवाही की जाएगी। बिना सक्षम स्तर के आदेश से किसी प्रकार से जांच की कार्यवाही नहीं की जाएगी।
जिलाधिकारी चंद्रकांत पांडेय ने कहा कि संज्ञान में आया है कि ग्राम प्रधानों के खिलाफ साधारण प्रार्थना पत्र पर प्रस्तुत शिकायतों के आधार पर ही अधिकारियों के द्वारा जांच आरंभ कर दी जा रही है। इसके चलते ग्राम पंचायतों में हो रहे विकास कार्य प्रभावित हो रहे हैं। पंचायती राज अधिनियम में यह स्पष्ट प्रावधान है कि ग्राम प्रधानों के विरुद्ध शपथ पत्र से संदर्भित शिकायतों को ही संज्ञान में लिया जाए। भविष्य में संबंधित ग्राम पंचायत के कम से कम पांच व्यक्तियों द्वारा शपथ पत्र के माध्यम से समर्थित शिकायती प्रार्थना पत्र (जिस पर कम से कम गांव के 10 व्यक्तियों के हस्ताक्षर हों) को ही संज्ञान में लिया जाएगा। ऐसे शिकायती प्रार्थना पत्र पर पत्रावली तैयार करते हुए जिला पंचायत राज अधिकारी के माध्यम से डीएम कार्यालय में प्रस्तुत किया जाएगा। इसके बाद गांव के प्रधान की जांच के लिए जांच अधिकारी नामित होने के बाद नामित अधिकारी द्वारा ही जांच की कार्यवाही की जाएगी। बिना सक्षम स्तर के आदेश से किसी प्रकार से जांच की कार्यवाही नहीं की जाएगी।
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