श्रम और रोजगार राज्य मंत्री श्री कोडिकुन्नील सुरेश ने आज लोकसभा में पूछे गए एक प्रश्न के लिखित उत्तर में बताया कि सरकार ने गरीबी रेखा से नीचे जीवन-यापन करने वाले असंगठित कामगारों/श्रमिकों तथा व्यक्तियों को चिकित्सा सुविधाओं के साथ-साथ आवास प्रदान करने के लिए पहले ही बहुत-सी पहलें की हैं। इनमें से कुछ पहलें निम्नानुसार है:राष्ट्रीय सवास्थ्य बीमा योजना (आरएसबीवाई) : यह स्कीम 01-04-2008 से बीपीएल परिवारों (पांच की इकाई) को परिवार फलोटर आधार पर 30000/- रूपये प्रतिवर्ष का स्मार्ट कार्ड आधारित नकदी-रहित स्वास्थ्य बीमा कवर प्रदान करती है। बीपीएल परिवारों के अलावा आरएसबीवाई का विस्तार असंगठित कामगारों के अन्य वर्गों नामत: भवन एवं सन्निमार्ण कामगारों, फेरीवालों, विगत वित्तीय वर्ष में 15 दिन से अधिक काम करने वाले मनरेगा कामगारों, बीड़ी कामगारों, घरेलू कामगारों, सफाई कामगारों, खान कामगारों, रिक्शा चालकों, कूड़ा बीनने वालों तथा ऑटो/टैक्सी चालकों तक किया गा है। 31-07-2013 की स्थिति के अनुसार 3.56 करोड़ से अधिक परिवारों को आरएसबीवाई के अंतर्गत कवर किया गया है।
इंदिरा आवास योजना : यह स्कीम असंगठित कामगारों तथा जीर्ण और कच्चे मकानों में रहने वालों सहित घर रहित गरीब परिवारों को वित्तीय सहायता प्रदान करती हैा इस स्कीम में भूमिहीन गरीबों को भी घर के लिए जमीन प्रदान करने का घटक है। श्रम और रोजगार मंत्रालय बीड़ी, सिनेमा और गैर-कोयला खान कामगारों के कतिपय वर्गों के लिए पांच कल्याणकारी निधियों का संचालन कर रहा है। निधियों का उपयोग चिकित्सा उपचार और मकानों के निर्माण हेतु इन कामगारों को वित्तीय सहायता प्रदान करने के लिए किय जाता है।
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