लखनऊ: गरीबों के हिस्से के राशन हथियाने वाले कोटेदार और फर्जी राशन धारकों की अब खैर नहीं है। सरकार ने फर्जी राशन कार्डो को रद करने के लिए अभियान चलाने का निर्णय किया है। राशन कार्डो के सत्यापन के लिए बाकायदा गांव में ग्राम पंचायतों की खुली बैठक बुलाई जाएगी। पंचायत की बैठक में प्रति कार्ड और यूनिट की जानकारी ग्रामीणों को पढ़कर सुनाया जाएगा। आपत्ति आने पर तत्काल ऐसे कार्डो और यूनिटों को रद्द करने की कार्रवाई होगी।
दरअसल, यह निर्णय गत दिनों मुख्यमंत्री अखिलेश यादव की अध्यक्षता में हुई बैठक के बाद किया गया है। शासन ने जनवितरण प्रणाली व्यवस्था में सुधार लाने और फर्जीवाड़ा रोकने के लिए महकमे के अधिकारियों को वृहद अभियान चलाने का निर्देश दिया है। अधिकारियों से कहा गया है कि एक-एक राशन कार्डो के विवरण को ग्राम पंचायतों की खुली बैठक में गांव वालों को पढ़कर सत्यापित कराया जाए।
सरकार ने यह कवायद गत दिनों नमूना जांच में हजारों फर्जी राशन कार्ड धारकों की जानकारी सामने के बाद शुरू की है। उल्लेखनीय है कि नमूना जांच में सर्वाधिक फर्जीवाड़ा बीपीएल और अन्त्योदय के 27,555 फर्जी राशन कार्ड बनवाने के उजागर हुए है। ऐसे में शासन ने वृहद अभियान चलाकर सभी राशन कार्डो का सत्यापन कराने का निर्देश दिया है।
महत्वपूर्ण बात यह है कि शासन के निर्देश पर कराए गए नमूना जांच में अनियमितता उजागर होने के बाद कोटेदारों पर भी नकेल कसने के लिए अभियान चलाने का निर्देश दिया गया है। महकमे के उच्चाधिकारी बताते है कि मुख्यमंत्री का मानना है कि गरीबों को विभिन्न खाद्यान्न तथा आवश्यक वस्तुओं की निर्बाध एवं समयबद्ध आपूर्ति सुनिश्चित करने के लिए इस प्रणाली में सुधार अत्यंत जरूरी है। उन्होंने कहा कि सरकार गरीबों के हितों के प्रति कटिबद्ध है और गरीबों से जुड़ी इस प्रणाली में किसी प्रकार की लापरवाही बर्दाश्त नहीं की जाएगी।
उन्होंने लाभार्थियों के समुचित चिन्हीकरण, संदिग्ध राशन कार्डो की पहचान करने व उनका निरस्तीकरण और पात्र तथा निराश्रित लोगों को जल्द से जल्द सुविधा से जोड़ने का निर्देश दिया है।
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