टीमों की कार्यप्रणाली पर नजर रखने को अनुश्रवण प्रकोष्ठ बनेगा
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जाब्यू, लखनऊ : मनरेगा एवं अन्य विकास योजनाओं की निगरानी के लिए प्रत्येक ब्लाक में पांच से आठ सोशल आडिट टीमों का गठन किया जाएगा। टीमों की कार्यप्रणाली पर नजर रखने को राज्यस्तरीय अनुश्रवण प्रकोष्ठ भी बनेगा। यह जानकारी कृषि उत्पादन आयुक्त आलोक रंजन ने गुरुवार को सोशल आडिट निदेशालय में सम्पन्न बैठक में देते हुए कार्यो की गुणवत्ता व समयबद्धता बनाए रखने के निर्देश दिए।
अनुश्रवण प्रकोष्ठ के जिम्मे ब्लाकों में आडिट टीमों द्वारा विकास कार्यो में बताई कमियों का समाधान तलाशते हुए गुणवत्ता सुनिश्चित करने का काम रहेगा। इसके अलावा कार्य निष्पादन में क्षति एवं फर्जी भुगतान की जवाबदेही तय कर दण्डात्मक कार्यवाही सुनिश्चित कराने की जिम्मेदारी भी रहेगी।
बैठक की अध्यक्षता करते हुए कृषि उत्पादन आयुक्त ने 822 विकास खण्डों में सोशल आडिट टीमों के गठन का निर्देश दिया। प्रत्येक विकास खण्ड में ग्राम संख्या व आबादी को ध्यान में रखते हुए न्यूनतम पांच एवं अधिकतम आठ सोशल आडिट टीमें गठित होगी। प्रत्येक टीम में पाच सदस्य होंगे। इनमें एक सामान्य वर्ग का, एक पिछड़े वर्ग, एक अनुसूचित जाति/जनजाति, एक महिला और एक श्रमिक सदस्य होगा। आडिट टीम सदस्य के रूप में शामिल श्रमिक की अर्हता उसके कम से कम 15 दिन मनरेगा का कार्य करनी होगी। बैठक प्रमुख सचिव ग्राम्य विकास अरूण सिंघल, आयुक्त ग्राम्य विकास रंजन कुमार, विशेष सचिव पंचायती भरत लाल राय, निदेशक लोकल फंड आडिट रविन्द्र तिवारी, निदेशक सोशल आडिट निदेशालय शकर सिंह, विशेष सचिव ग्राम्य विकास अशोक कुमार, विशेष सचिव नियोजन अरविन्द ढाका, लोकल आडिट विशेषज्ञ राजवर्धन एवं वित्त विशेषज्ञ कृष्ण गोपाल शामिल थे।
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