जागरण ब्यूरो, लखनऊ : मुख्यमंत्री अखिलेश यादव ने दावा किया है कि सूबे के चिकित्सा विभाग में पारदर्शी व्यवस्था लागू होने से भ्रष्टाचार पर अंकुश लगा है। इंदिरा प्रतिष्ठान में कल राष्ट्रीय स्वास्थ्य बीमा योजना की कार्यशाला के शुभारंभ के अवसर पर मुख्यमंत्री अखिलेश यादव ने इसका खुलासा किया।
उन्होंने इस अवसर पर घोषणा की कि प्रदेश में मनरेगा मजदूरों (जॉब कार्ड होल्डर), बुनकरों, शिल्पकारों, पंजीकृत रिक्शा चालकों, स्वच्छकारों, शहरी क्षेत्रों में रहने वाले बीपीएल एवं अन्त्योदय राशन कार्ड धारकों को भी राष्ट्रीय स्वास्थ्य बीमा योजना कालाभ मिलेगा। इसके लिए राज्य सरकार बीमा कम्पनियों को प्रीमियम उपलब्ध कराएगी। लाभार्थी वगरें के विस्तार पर बल देते हुए संबंधित प्रस्ताव को जल्द कैबिनेट में रखने के निर्देश दिए। उन्होंने स्टेट एजेन्सी फॉर कॉम्प्रीहेन्सिव हेल्थ इंश्योरेन्स (साची) को लागू करने में आ रही समस्याओं का समाधान ढूंढ़ने की भी हिदायत दी।
उन्होंने कहा कि सरकार जनता को बेहतर स्वास्थ्य सुविधा उपलब्ध कराने के लिए कार्य कर रही है। योजना को गरीबों तक पहुंचाने के लिए हर संभव कदम उठाए जाएं। सूचीबद्ध निजी अस्पतालों एवं बीमा कम्पनियों के बीच बेहतर समन्वय स्थापित किया जाए। उन्होंने कहा कि वह पहले भी केन्द्र को भरोसा दिला चुके हैं कि इस योजना के अलावा विकास की हर योजना को अमली जामा पहनाने में सहयोग करेंगे।
मुख्यमंत्री ने कहा कि उनकी सरकार नागरिकों को इलाज एवं शिक्षा की सुविधा दिलाने की दिशा में कार्य कर रही है। कई परिवारों को इलाज में चल-अचल संपत्ति गंवानी पड़ती है। बावजूद इसके वह स्वास्थ्य लाभ नहीं पाते। इसीलिए सरकार ने मुफ्त इलाज की व्यवस्था की है। सपा सरकार ने सैफई में ग्रामीण आयुर्विज्ञान एवं अनुसंधान संस्थान की स्थापना कराई। जहां तमाम लोगों को मुफ्त इलाज की सुविधा मिल रही है।
मुख्यमंत्री अखिलेश यादव ने यूपी सरकार की स्वास्थ्य योजनाओं का उल्लेख करते हुए के ंद्र सरकार की कार्य प्रणाली पर भी चुटकी ली, उन्होंने कहा कि रायबरेली में एम्स के लिए पांच वर्ष से जमीन नहीं मिल रही थी, सपा सरकार ने छह माह में मुफ्त जमीन उपलब्ध करा दी, उम्मीद थी कि काम जल्द शुरू हो जाए लेकिन अभी तक नहीं हुआ। यूपी में कई और एम्स की जरूरत है। सरकार उसके लिए मदद को तैयार है। उम्मीद है केन्द्र सरकार इस दिशा में काम करेगी। स्वास्थ मंत्री अहमद हसन ने भी कार्यक्रम को संबोधित किया।
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अब तक बनाए 51 लाख कार्ड : राष्ट्रीय स्वास्थ्य बीमा योजना (आरएसवीवाइ) योजना के तहत पंजीकृत प्राइवेट अस्पतालों में 30 हजार रुपये तक का मुफ्त इलाज मिलता है। अभी तक ग्रामीण क्षेत्र में गरीबी रेखा से नीचे जीवन यापन करने वाले बीपीएल कार्ड धारकों का आरएसवीवाई कार्ड बनाया जा रहा है। प्रदेश में 51 लाख 11 हजार बीपीएल कार्ड धारकों को बीमा कार्ड बना है।
दर्ज होगा बीमारी का ब्योरा : बीमा कार्ड में अब बीमारी का ब्योरा भी दर्ज होगा। बताया गया है कि मरीज को रेफर करते समय कार्ड में इसे फीड कर दिया जाएगा। ताकि दूसरे अस्पताल में मरीज की डायग्नोसिस बनाने में समय जाया न हो। उसका फौरन इलाज शुरू हो जाए।
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