लखनऊ। अब शहर के अस्पतालों में बजट की कमी से गरीब मरीजों को इलाज के लिए परेशान नहीं होना पड़ेगा। दरअसल स्वास्थ्य विभाग की ओर से सभी अस्पतालों के सीएमएस को एटीएम कार्ड जारी किया गया है। इस एटीएम का इस्तेमाल बजट खत्म होने की हालत में किया जाएगा। यह सुविधा शुरू होने से अस्पताल के अधिकारियों को भी निदेशालय के चक्कर लगाने से मुक्ति मिल जाएगी। इस एटीएम कार्ड से निकाली गई राशि का प्रयोग सभी मदों में किया जा सकेगा।
राजधानी में दूरदराज के जिलों से भी मरीज बेहतर इलाज की आस में आते हैं। यहां के अस्पतालों में कई बार बजट न होने से गरीब मरीजों को इलाज के लिए कई तरह की समस्याओं का सामना करना पड़ता है। बजट जारी कराने के लिए अस्पतालों के अधिकारियों व बाबुओं को काफी लिखा-पढ़ी और दौड़ भाग करनी होती थी। इन समस्याओं को दूर करने के लिए स्वास्थ्य मंत्री ने नई व्यवस्था लागू की है। इसके तहत अस्पतालों के सीएमएस को एटीएम कार्ड जारी किया है। इस एटीएम से मरीजों के हित में बीस लाख रुपए तक की खरीद की जा सकती है। एटीएम से प्रति दिन बीस हजार रुपए निकाले जा सकेंगे। हालांकि सीएमएस को इसका पूरा लेखाजोखा रखना होगा कि इस एटीएम कार्ड से निकाली गई राशि को उन्होंने कहां-कहां खर्च किया। एटीएम की राशि का खर्च रोगी कल्याण समिति में जोड़ा जाएगा। इस एटीएम का प्रयोग केवल सीएमएस ही कर सकेंगे। अस्पतालों के सीएमएस का कहना है कि इस नई व्यवस्था से बहुत ही आसानी होगी। मरीजों के इलाज में बजट की कमी रोड़ा नहीं बनेगी। तत्काल एटीएम से राशि निकाल कर रुपयों की कमी दूर की जा सकेगी। राजधानी में राममनोहर लोहिया, बलरामपुर व सिविल अस्पताल के सीएमएस को एटीएम दे दिए गए हैं।
बजट न होने से रुके ये काम
बजट न होने से अस्पतालों में दवाओं की खरीद, मशीनों के रखरखाव और अस्पतालों का मेंटेनेंस नहीं हुआ है। यही नहीं अस्पताली कचरा निस्तारण का बकाया बजट की कमी की वजह से नहीं दिया गया। इस पर प्रदूषण बोर्ड ने अस्पतालों को नोटिस जारी किया। फरवरी माह में शहर के सभी बड़े अस्पतालों में सफाई का बजट नहीं था। सफाई कर्मचारियों का लाखों रुपए भुगतान नहीं किया जा सका था। अस्पतालों के प्रभारियों ने किसी तरह काम चलाया। कई बार तो दोपहर तक कचरा उठता ही नहीं था। वहीं मार्च माह में सभी अस्पतालों में मेंटेनेंस बजट खत्म हो गया। मशीनों के रखरखाव में परेशानी होने लगी। इनकी मरम्मत करने वाली कंपनियों ने काम करना बंद कर दिया और अस्पतालों को नोटिस जारी कर दिया। काफी हो-हल्ला हुआ। कई मशीनें खराब होने से मरीज बिना जांच के लौटते रहे। बलरामपुर अस्पताल में कई दिन तक टरगा, एक्सरे मशीनें खराब रहीं।
इन जगहों पर होगा राशि का उपयोग
मशीनों के रखरखाव, सर्जिकल सामान की खरीद, दवाओं की खरीद, सफाई और कर्मचारियों का भुगतान समेत मरीजों के हित के सभी काम के लिए एटीएम की राशि का प्रयोग हो सकेगा। वहीं अगर किसी गंभीर गरीब मरीज को किसी योजना के तहत इलाज देना हो तो उसके हित में राशि का उपयोग किया जा सकेगा।
वर्जन
एटीएम कार्ड मिला है। यह स्वास्थ्य मंत्री की बहुत ही उपयोगी व्यवस्था है। इससे निकाली गई राशि मरीजों के हित में खर्च की जाएगी।
- डॉ एके श्रीवास्तव, सीएमएस भाऊराव देवरस अस्पताल
हमने एटीएम की राशि अभी खर्च नहीं की है। यह बहुत ही अच्छी व्यवस्था है। इससे मरीजों के संग हमें भी अस्पताल चलाने में आसानी रहेगी। बजट के लिये दौड़ भाग से निजात मिलेगी। - डॉ एस के हसन, सीएमएस डॉ श्यामा प्रसाद मुखर्जी अस्पताल
राजधानी में दूरदराज के जिलों से भी मरीज बेहतर इलाज की आस में आते हैं। यहां के अस्पतालों में कई बार बजट न होने से गरीब मरीजों को इलाज के लिए कई तरह की समस्याओं का सामना करना पड़ता है। बजट जारी कराने के लिए अस्पतालों के अधिकारियों व बाबुओं को काफी लिखा-पढ़ी और दौड़ भाग करनी होती थी। इन समस्याओं को दूर करने के लिए स्वास्थ्य मंत्री ने नई व्यवस्था लागू की है। इसके तहत अस्पतालों के सीएमएस को एटीएम कार्ड जारी किया है। इस एटीएम से मरीजों के हित में बीस लाख रुपए तक की खरीद की जा सकती है। एटीएम से प्रति दिन बीस हजार रुपए निकाले जा सकेंगे। हालांकि सीएमएस को इसका पूरा लेखाजोखा रखना होगा कि इस एटीएम कार्ड से निकाली गई राशि को उन्होंने कहां-कहां खर्च किया। एटीएम की राशि का खर्च रोगी कल्याण समिति में जोड़ा जाएगा। इस एटीएम का प्रयोग केवल सीएमएस ही कर सकेंगे। अस्पतालों के सीएमएस का कहना है कि इस नई व्यवस्था से बहुत ही आसानी होगी। मरीजों के इलाज में बजट की कमी रोड़ा नहीं बनेगी। तत्काल एटीएम से राशि निकाल कर रुपयों की कमी दूर की जा सकेगी। राजधानी में राममनोहर लोहिया, बलरामपुर व सिविल अस्पताल के सीएमएस को एटीएम दे दिए गए हैं।
बजट न होने से रुके ये काम
बजट न होने से अस्पतालों में दवाओं की खरीद, मशीनों के रखरखाव और अस्पतालों का मेंटेनेंस नहीं हुआ है। यही नहीं अस्पताली कचरा निस्तारण का बकाया बजट की कमी की वजह से नहीं दिया गया। इस पर प्रदूषण बोर्ड ने अस्पतालों को नोटिस जारी किया। फरवरी माह में शहर के सभी बड़े अस्पतालों में सफाई का बजट नहीं था। सफाई कर्मचारियों का लाखों रुपए भुगतान नहीं किया जा सका था। अस्पतालों के प्रभारियों ने किसी तरह काम चलाया। कई बार तो दोपहर तक कचरा उठता ही नहीं था। वहीं मार्च माह में सभी अस्पतालों में मेंटेनेंस बजट खत्म हो गया। मशीनों के रखरखाव में परेशानी होने लगी। इनकी मरम्मत करने वाली कंपनियों ने काम करना बंद कर दिया और अस्पतालों को नोटिस जारी कर दिया। काफी हो-हल्ला हुआ। कई मशीनें खराब होने से मरीज बिना जांच के लौटते रहे। बलरामपुर अस्पताल में कई दिन तक टरगा, एक्सरे मशीनें खराब रहीं।
इन जगहों पर होगा राशि का उपयोग
मशीनों के रखरखाव, सर्जिकल सामान की खरीद, दवाओं की खरीद, सफाई और कर्मचारियों का भुगतान समेत मरीजों के हित के सभी काम के लिए एटीएम की राशि का प्रयोग हो सकेगा। वहीं अगर किसी गंभीर गरीब मरीज को किसी योजना के तहत इलाज देना हो तो उसके हित में राशि का उपयोग किया जा सकेगा।
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एटीएम कार्ड मिला है। यह स्वास्थ्य मंत्री की बहुत ही उपयोगी व्यवस्था है। इससे निकाली गई राशि मरीजों के हित में खर्च की जाएगी।
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हमने एटीएम की राशि अभी खर्च नहीं की है। यह बहुत ही अच्छी व्यवस्था है। इससे मरीजों के संग हमें भी अस्पताल चलाने में आसानी रहेगी। बजट के लिये दौड़ भाग से निजात मिलेगी। - डॉ एस के हसन, सीएमएस डॉ श्यामा प्रसाद मुखर्जी अस्पताल
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